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Shri Vidya Kavach

॥ श्री विद्या कवचम् ॥
॥ Shri Vidya Kavach ॥

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥

॥ देव्युवाच ॥
देवदेव महादेव भक्तानां प्रीतिवर्धनम् ।
सूचितं यन्महादेव्याः कवचं कथयस्व मे ॥ १॥

॥ महादेव उवाच ॥
श्रुणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं देवदुर्लभम् ।
न प्रकाश्यं परं गुह्यं साधकाभीष्टसिद्धिदम् ॥ २॥
कवचस्य ऋषिर्देवि दक्षिणामूर्तिरव्ययः ।
छन्दः पङ्क्तिः समुद्दिष्टं देवी त्रिपुरसुन्दरी ॥ ३॥

धर्मार्थकाममोक्षाणां विनियोगस्तु साधने ।
वाग्भवः कामराजश्च शक्तिर्बीजं सुरेश्वरि ॥ ४॥
ऐं वाग्भवः पातु शीर्षे मां क्लीं कामराजस्तथा हृदि ।
सौः शक्तिबीजं सदा पातु नाभौ गुह्ये च पादयोः ॥ ५॥

ऐं श्रीं सौः वदने पातु बाला मां सर्वसिद्धये ।
ह्सौं हसकलह्रीं ह्सौः पातु भैरवी कण्ठदेशतः ॥ ६॥
सुन्दरी नाभिदेशे च शीर्षे कामकला सदा ।
भ्रूनासयोरन्तराले महात्रिपुरसुन्दरी ॥ ७॥

ललाटे सुभगा पातु भगा मां कण्ठदेशतः ।
भगोदया च हृदये उदरे भगसर्पिणी ॥ ८॥
भगमाला नाभिदेशे लिङ्गे पातु मनोभवा ।
गुह्ये पातु महादेवी राजराजेश्वरी शिवा ॥ ९॥

चैतन्यरूपिणी पातु पादयोर्जगदम्बिका ।
नारायणी सर्वगात्रे सर्वकार्ये शुभङ्करी ॥ १०॥
ब्रह्माणी पातु मां पूर्वे दक्षिणे वैष्णवी तथा ।
पश्चिमे पातु वाराही उत्तरे तु महेश्वरी ॥ ११॥

आग्नेयां पातु कौमारी महालक्ष्मीस्तु नैरृते ।
वायव्यां पातु चामुण्डा इन्द्राणी पातु ईशके ॥ १२॥
जले पातु महामाया पृथिव्यां सर्वमङ्गला ।
आकाशे पातु वरदा सर्वत्र भुवनेश्वरी ॥ १३॥

इदं तु कवचं देव्या देवानामपि दुर्लभम् ।
पठेत्प्रातः समुत्थाय शुचिः प्रयतमानसः ॥ १४॥
नाधयो व्याधयस्तस्य न भयं च क्वचिद्भवेत् ।
न च मारी भयं तस्य पातकानां भयं तथा ॥ १५॥

न दारिद्र्यवशं गच्छेत्तिष्ठेन्मृत्युवशे न च ।
गच्छेच्छिवपुरं देवि सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ॥ १६॥
इदं कवचमज्ञात्वा श्रीविद्यां यो जपेत्सदा ।
स नाप्नोति फलं तस्य प्राप्नुयाच्छस्त्रघातनम् ॥ १७॥

॥ इति श्री विद्या कवचं सम्पूर्णम् ॥

आज का पंचांग ( Sun 14 Dec 2025 )

स्थान

अमृतसर, पंजाब, भारत

तिथि

  • दशमी, 13 Dec 2025 16:38:31 से 14 Dec 2025 18:50:15 तक
  • एकादशी, 14 Dec 2025 18:50:16 से 15 Dec 2025 21:20:31 तक

वार

रविवार

नक्षत्र

  • हस्त, 13 Dec 2025 05:50:15 से 14 Dec 2025 08:18:27 तक
  • चित्रा, 14 Dec 2025 08:18:28 से 15 Dec 2025 11:08:43 तक

सूर्यौदय

14 Dec 2025 07:26:21

सूर्यास्त

14 Dec 2025 17:23:54

चंद्रोदय

14 Dec 2025 02:08:59

चंद्रस्थ

14 Dec 2025 13:40:31

योग

सौभाग्य

13 Dec 2025 11:16:12 से 14 Dec 2025 11:45:04 तक

शोभन

14 Dec 2025 11:45:05 से 15 Dec 2025 12:30:01 तक

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त

  • 14 Dec 2025 12:05:11 से 14 Dec 2025 12:45:01 तक

अमृत काल

  • 15 Dec 2025 03:58:28 से 15 Dec 2025 05:45:49 तक

ब्रह्म मुहूर्त

  • 14 Dec 2025 05:50:09 से 14 Dec 2025 06:38:10 तक

अशुभ काल

राहू

  • 14 Dec 2025 16:09:08 से 14 Dec 2025 17:23:49 तक

यम गण्ड

  • 14 Dec 2025 12:25:05 से 14 Dec 2025 13:39:46 तक

कुलिक

  • 14 Dec 2025 14:54:27 से 14 Dec 2025 16:09:08 तक

दुर्मुहूर्त

  • 14 Dec 2025 16:04:11 से 14 Dec 2025 16:44:01 तक

वर्ज्यम्

  • 14 Dec 2025 17:15:28 से 14 Dec 2025 19:02:28 तक