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Shri Baglamukhi Kavach

॥ श्री बगलामुखी कवचं ॥
॥ Shri Baglamukhi Kavach ॥

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥

॥ अथ ध्यानम् ॥
जिह्वाग्रमादाय करेण देवीं वामेन शत्रून् परिपीडयन्तीम् ।
गदाभि घातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ॥

॥ अथ बगलामुखी कवचम् ॥
श्रुत्वा च बगलापूजां स्तोत्रं चापि महेश्वर ।
इदानी श्रोतुमिच्छामि कवचं वद मे प्रभो ॥ १ ॥
वैरिनाशकरं दिव्यं सर्वाSशुभविनाशनम् ।
शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दु:खनाशनम् ॥२॥

॥ श्री भैरव उवाच ॥
कवचं शृणु वक्ष्यामि भैरवीप्राणवल्लभम् ।
पठित्वा धारयित्वा तु त्रैलोक्ये विजयी भवेत् ॥३॥

ॐ अस्य श्री बगलामुखीकवचस्य नारद ऋषि: ।
अनुष्टप्छन्द: । बगलामुखी देवता । लं बीजम् ।
ऐं कीलकम् पुरुषार्थचष्टयसिद्धये जपे विनियोग:।

ॐ शिरो मे बगला पातु हृदयैकाक्षरी परा ।
ॐ ह्ली ॐ मे ललाटे च बगला वैरिनाशिनी ॥१॥
गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी ।
वैरिजिह्वाधरा पातु कण्ठं मे वगलामुखी ॥२॥

उदरं नाभिदेशं च पातु नित्य परात्परा ।
परात्परतरा पातु मम गुह्यं सुरेश्वरी ॥३॥
हस्तौ चैव तथा पादौ पार्वती परिपातु मे ।
विवादे विषमे घोरे संग्रामे रिपुसङ्कटे ॥४॥

पीताम्बरधरा पातु सर्वाङ्गी शिवनर्तकी ।
श्रीविद्या समय पातु मातङ्गी पूरिता शिवा ॥५॥
पातु पुत्रं सुतांश्चैव कलत्रं कालिका मम ।
पातु नित्य भ्रातरं में पितरं शूलिनी सदा ॥६॥

रंध्र हि बगलादेव्या: कवचं मन्मुखोदितम् ।
न वै देयममुख्याय सर्वसिद्धिप्रदायकम् ॥ ७॥
पाठनाद्धारणादस्य पूजनाद्वाञ्छतं लभेत् ।
इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेद् बगलामुखीम् ॥८॥

पिवन्ति शोणितं तस्य योगिन्य: प्राप्य सादरा: ।
वश्ये चाकर्षणो चैव मारणे मोहने तथा ॥९॥
महाभये विपत्तौ च पठेद्वा पाठयेत्तु य: ।
तस्य सर्वार्थसिद्धि: स्याद् भक्तियुक्तस्य पार्वति ॥१०॥

॥ इति श्री बगलामुखी कवचं सम्पूर्णम् ॥

आज का पंचांग ( Fri 25 Apr 2025 )

स्थान

अमृतसर, पंजाब, भारत

तिथि

  • द्वादशी, 24 Apr 2025 14:32:46 से 25 Apr 2025 11:45:11 तक
  • त्रयोदशी, 25 Apr 2025 11:45:12 से 26 Apr 2025 08:28:09 तक

वार

शुक्रवार

नक्षत्र

  • पूर्वभाद्रपदा, 24 Apr 2025 10:49:23 से 25 Apr 2025 08:53:37 तक
  • उत्तरभाद्रपदा, 25 Apr 2025 08:53:38 से 26 Apr 2025 06:27:15 तक

सूर्यौदय

25 Apr 2025 05:55:15

सूर्यास्त

25 Apr 2025 19:02:06

चंद्रोदय

25 Apr 2025 04:04:31

चंद्रस्थ

25 Apr 2025 16:25:30

योग

इन्द्र

24 Apr 2025 15:55:40 से 25 Apr 2025 12:30:39 तक

वैधृति

25 Apr 2025 12:30:40 से 26 Apr 2025 08:41:29 तक

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त

  • 25 Apr 2025 12:02:24 से 25 Apr 2025 12:54:51 तक

अमृत काल

  • 26 Apr 2025 02:07:38 से 26 Apr 2025 03:33:52 तक

ब्रह्म मुहूर्त

  • 25 Apr 2025 04:18:54 से 25 Apr 2025 05:06:51 तक

अशुभ काल

राहू

  • 25 Apr 2025 10:50:18 से 25 Apr 2025 12:28:39 तक

यम गण्ड

  • 25 Apr 2025 15:45:21 से 25 Apr 2025 17:23:42 तक

कुलिक

  • 25 Apr 2025 07:33:36 से 25 Apr 2025 09:11:57 तक

दुर्मुहूर्त

  • 25 Apr 2025 08:32:36 से 25 Apr 2025 09:25:03 तक
  • 25 Apr 2025 12:54:51 से 25 Apr 2025 13:47:18 तक

वर्ज्यम्

  • 25 Apr 2025 17:30:38 से 25 Apr 2025 18:56:38 तक