॥ श्री भगवती स्तोत्र ॥
॥ Bhagwati Stotra ॥
॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥
जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापनिवाशिनि बहुफलदे ।
जय शुम्भ-निशुम्भ कपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ॥ १॥
जय चन्द्रदिवाकर-नेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे ।
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे ॥ २॥
जय महिषविमर्दिनिशूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे ।
जय देवि पितामहविष्णुनुते जय भास्करशक्रशिराऽवनते ॥ ३॥
जय षण्मुख-सायुध-ईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते ।
जय दुःख-दरिद्र-विनाशकरे जय पुत्रकल त्रविवृद्धिकरे ॥ ४॥
जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दुःखहरे ।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्षकरे जय वांछितदायिनि सिद्धिकरे ॥ ५॥
एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं यः पठेन्नियतः शुचिः ।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा ॥ ६॥
॥ इति श्री भगवतीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शनिवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
26 Apr 2025 05:54:13 |
सूर्यास्त |
26 Apr 2025 19:02:48 |
चंद्रोदय |
26 Apr 2025 04:36:02 |
चंद्रस्थ |
26 Apr 2025 17:35:38 |
योग |
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वैधृति |
25 Apr 2025 12:30:40 से 26 Apr 2025 08:41:29 तक |
विष्कुम्भ |
26 Apr 2025 08:41:30 से 27 Apr 2025 04:35:00 तक |
प्रीति |
27 Apr 2025 04:35:01 से 28 Apr 2025 00:19:06 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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