॥ आरती श्री सीता जी की ॥
॥ Aarti Shri Sita Ji Ki ॥
सीता बिराजथि मिथिलाधाम सब मिलिकय करियनु आरती।
संगहि सुशोभित लछुमन-राम सब मिलिकय करियनु आरती ॥
विपदा विनाशिनि सुखदा चराचर,सीता धिया बनि अयली सुनयना घर
मिथिला के महिमा महान…सब मिलिकय करियनु आरती ॥सीता बिराजथि..
सीता सर्वेश्वरि ममता सरोवर,बायाँ कमल कर दायाँ अभय वर
सौम्या सकल गुणधाम..सब मिलिकय करियनु आरती ॥ सीता बिराजथि..
रामप्रिया सर्वमंगल दायिनि,सीता सकल जगती दुःखहारिणि
करथिन सभक कल्याण..सब मिलिकय करियनु आरती ॥ सीता बिराजथि..
सीतारामक जोड़ी अतिभावन,नैहर सासुर कयलनि पावन
सेवक छथि हनुमान..सब मिलिकय करियनु आरती ॥सीता बिराजथि..
ममतामयी माता सीता पुनीता,संतन हेतु सीता सदिखन सुनीता
धरणी-सुता सबठाम..सब मिलिकय करियनु आरती ॥ सीता बिराजथि..
शुक्ल नवमी तिथि वैशाख मासे,’चंद्रमणि’ सीता उत्सव हुलासे
पायब सकल सुखधाम..सब मिलिकय करियनु आरती ॥
सीता बिराजथि मिथिलाधाम सब मिलिकय करियनु आरती ॥
॥ इति आरती श्री सीता जी सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
|
वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
|
सूर्यौदय |
13 Jun 2025 05:29:17 |
सूर्यास्त |
13 Jun 2025 19:32:00 |
चंद्रोदय |
13 Jun 2025 21:42:31 |
चंद्रस्थ |
14 Jun 2025 07:44:43 |
योग |
|
शुक्ल |
12 Jun 2025 14:04:51 से 13 Jun 2025 13:47:50 तक |
ब्रह्म |
13 Jun 2025 13:47:51 से 14 Jun 2025 13:12:42 तक |
शुभ काल |
|
अभिजीत मुहूर्त |
|
अमृत काल |
|
ब्रह्म मुहूर्त |
|
अशुभ काल |
|
राहू |
|
यम गण्ड |
|
कुलिक |
|
दुर्मुहूर्त |
|
वर्ज्यम् |
|