॥ आरती श्री सरस्वती जी की ॥
॥ Aarti Shri Saraswati Ji Ki ॥
कज्जल पुरित लोचन भारे,
स्तन युग शोभित मुक्त हारे ।
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते,
भगवती भारती देवी नमस्ते॥
जय सरस्वती माता ,जय जय हे सरस्वती माता ।
दगुण वैभव शालिनी ,त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता……
चंद्रवदनि पदमासिनी , घुति मंगलकारी ।
सोहें शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥
जय सरस्वती माता……
बायेँ कर में वीणा ,दायें कर में माला ।
शीश मुकुट मणी सोहें ,गल मोतियन माला ॥
जय सरस्वती माता……
देवी शरण जो आयें ,उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
जय सरस्वती माता……
विद्या ज्ञान प्रदायिनी , ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥
जय सरस्वती माता……
धुप ,दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता , भव से उद्धार करो ॥
जय सरस्वती माता……
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें ।
हितकारी ,सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥
सरस्वती माता ,जय जय हे सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी ,त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता ,जय जय हे सरस्वती माता ।
॥ इति आरती श्री सरस्वती सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
|
वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
|
सूर्यौदय |
25 Apr 2025 05:55:15 |
सूर्यास्त |
25 Apr 2025 19:02:06 |
चंद्रोदय |
25 Apr 2025 04:04:31 |
चंद्रस्थ |
25 Apr 2025 16:25:30 |
योग |
|
इन्द्र |
24 Apr 2025 15:55:40 से 25 Apr 2025 12:30:39 तक |
वैधृति |
25 Apr 2025 12:30:40 से 26 Apr 2025 08:41:29 तक |
शुभ काल |
|
अभिजीत मुहूर्त |
|
अमृत काल |
|
ब्रह्म मुहूर्त |
|
अशुभ काल |
|
राहू |
|
यम गण्ड |
|
कुलिक |
|
दुर्मुहूर्त |
|
वर्ज्यम् |
|