॥ आरती श्री गायत्री माता की ॥
॥ Aarti Shri Gayatri Mata Ki ॥
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जग पालन कर्त्री ।
दुःख शोक भय क्लेश कलह दारिद्र्य दैन्य हर्त्री ॥१॥
ब्रह्मरूपिणी, प्रणत पालिनी, जगत धातृ अम्बे ।
भव-भय हारी, जन हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥२॥
भयहारिणि, भवतारिणि, अनघे अज आनन्द राशी ।
अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥३॥
कामधेनु सत-चित-आनन्दा जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥४॥
ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्रार सुषुम्रा शोभा गुण गरिमे ॥५॥
स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रह्माणी, राधा, रुद्राणी ।
जय सतरूपा वाणी, विद्या, कमला, कल्याणी ॥६॥
जननी हम हैं दीन, हीन, दुःख दारिद के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तऊ बालक हैं तेरे ॥७॥
स्नेह सनी करुणामयि माता चरण शरण दीजै ।
बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥८॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध, बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये ॥९॥
तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता ।
सत मारग पर हमें चलाओ जो है सुखदाता ॥१०॥
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ॥
॥ इति आरती श्री गायत्री माता सम्पूर्णम ॥
स्थान |
अमृतसर, पंजाब, भारत |
तिथि |
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वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
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सूर्यौदय |
13 Jun 2025 05:29:17 |
सूर्यास्त |
13 Jun 2025 19:32:00 |
चंद्रोदय |
13 Jun 2025 21:42:31 |
चंद्रस्थ |
14 Jun 2025 07:44:43 |
योग |
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शुक्ल |
12 Jun 2025 14:04:51 से 13 Jun 2025 13:47:50 तक |
ब्रह्म |
13 Jun 2025 13:47:51 से 14 Jun 2025 13:12:42 तक |
शुभ काल |
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अभिजीत मुहूर्त |
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अमृत काल |
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ब्रह्म मुहूर्त |
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अशुभ काल |
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राहू |
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यम गण्ड |
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कुलिक |
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दुर्मुहूर्त |
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वर्ज्यम् |
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